बिहार - कुछ ऐसा दिखा हमें
9:55 pm
बिहार- एक ऐसा राज्य जहाँ हम-दोनों ने जन्म तो लिया था, परंतु उसे जाना नहीं था। इतिहास के पन्नों से लेकर लोगों की जुबानी बस इसके इतिहास से रुबरु होते आ रहे थे। परंतु हम घुमक्कड़ जो सिर्फ और सिर्फ वर्तमान को जीते हैं, उसे अतीत और भविष्य से क्या सरोकार ? और बस हम निकल पड़े बिहार के उस गौरवशाली अतीत से गलबाँहे करने जिसे सिर्फ और सिर्फ पढ़ा या सुना था, कभी साँसो से महसूस नहीं किया था।
चार चरणों में संपूर्ण बिहार को जानने के अपने सबसे कठिन सफर में जब हम पिछले साल निकलते हैं तब हमारे दिमाग़ों में भी किसी और की तरह वही सब बाते गुँजती है कि बिहार में है ही क्या देखने और महसूस करने को।
लेकिन क्रमशः 22 दिन और 16 दिन की अपने दो बिहार की यात्रा, 38 में से 18 जिलों का भ्रमण करने के बाद जो हम दोनों ने देखा और महसूस किया वाकई वह हमें ना इतिहास के पन्नों में मिला और ना ही किसी से सुनने को मिला।
एक ऐसा बिहार जो अपने स्वर्णिम इतिहास को उपेक्षित होने के बावजूद भी इस खुबसूरती से समेटे रखा है जिसका उदाहरण तो भारत के किसी और जगह तो हमें नहीं दिखा।
अद्भुत विरासतों से पटा यह बिहार आज बस हर किसी को टकटकी लगाए देख रहा और बस एक ही सपना संजोए है फिर से सजने-सँवरने का।
आइए सब मिलकर इसे फिर से सजाते-सँवारते हैं ताकि आने वाले पीढ़ी भी बिहार को इतिहास के पन्नों में नहीं खोजकर वर्तमान में देखे और बिहार का गौरव गान करे।
बिहार दिवस की सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ ।
बिहार - कुछ ऐसा दिखा हमें....
Happy Travelling !!!
3 comments
अभी आपका यात्रा बांकी होना चाहिए..........👍👍
ReplyDeleteTill now just completed two phase out of four. In these two also more documentation required, which we will complete in phased manner. Thanks a lot for your suggestions and support. :)
DeleteThank you so much :)
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